जीका वायरस आज के समय में कई देशो को अपनी चपेट में ले चूका है और दुनिया के लिए एक नया खतरा बनता जा रहा है। ज़ीका वायरस ने अकेले ब्राज़ील में 15 लाख लोगो को प्रभावित किया है ।
अभी हाल ही में हमारे देश में जयपुर में जीका वायरस के 100 से भी ज्यादा केस देखने को मिले ।
ये एक ऐसा वायरस है जो एडीज, एजिप्टी तथा अन्य मच्छर जो चिकनगुनिया और डेंगू भी फैलाते हैं उनसे फैलता है। अगर ये मच्छर अगर किसी गर्ववती महिला को काट ले तो ज़ीका वायरस फैलने का खतरा और भी बढ़ जाता है तथा उसके नवजात बच्चे की मस्तिस्क का विकास ठीक ढंग से नहीं हो पाता जिससे बच्चे का सर छोटा हो जाता है और Brain Damage होने का खतरा ज्यादा बना रहता है । इसके साथ साथ अंधापन, बहरापन और अन्य जन्मजात दोष होने की भी आशंका बानी रहती है । जिका विषाणु से Guillain Barre Syndrome होने की भी आशंका होती है, ये एक तरह की अस्थायी Paralysis है जो की आम तोर से वयस्कों में पाया जाता है, इससे आगे चलकर कई तंत्रिका तंत्र की समस्या होने की भी काफी सम्भावनाये बनी रहती है.
1947 के दशक में इस बीमारी का पता चला। ज़ीका वायरस अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है। उसके बाद 2015 में यह मेक्सिको, मध्य अमेरिका तक भी पहुँच गया।
वर्ष 1947 में पीले बुखार का शोध कर रहे पूर्वी अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक रीसस मकाक (एक प्रकार का लंगूर) पर जिका के जंगल में अपना शोध कर रहे थे। उस बंदर को बार बार बुखार हो जाता था । 1952 में उसके संक्रामक घटक को जिका विषाणुका नाम दिया गया । इसके बाद ज़ीका वायरस नाइजीरिया 1954 में एक मानव से निकाला । इसके 2007 में खोज होने से पहले इससे संक्रमण के मामले अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में बहुत कम थे।
अप्रैल 2007 में इसका प्रभाव पहली बार अफ्रीका और एशिया के बाहर देखने को मिला। यप नामक एक द्वीप में लाल चकत्ते और जोड़ों के दर्द के रूप में इसका असर दिखा, जिसे पहले डेंगू या चिकनगुनिया समझा जा रहा था पर जब बीमार लोगों के रक्त की जांच हुई तो पाता चला उनके रक्त में जिका विषाणु का आरएनए पाया गया।
समान रूप से इसके कुछ लक्षण हैं बुखार जोड़ो का दर्द, शरीर पर लाल चकत्ते, थकान, सिर दर्द तथा आंखों का लाल होना ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) ने ज़ीका वायरस से बचाव के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं :
1. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जीका वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम.
2. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मच्छरों से बचने के लिए हल्के रंग के कपड़े पहनें तथा पूरे शरीर को ढककर रखें.
3. मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए ये ध्यान रखे की कही आपके आस पास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में पानी तो नहीं भरा हुआ है ।
4. बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण अगर नजर आये तो अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें और भरपूर आराम करें.
5. फिलहाल इस जीका वायरस का कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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